श्रीकृष्ण के 16 कलाओं का रहस्य और महत्व

प्रस्तावना: क्यों श्रीकृष्ण को पूर्णावतार कहा गया? सनातन धर्म में भगवान विष्णु के कई अवतार माने जाते हैं – मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण और बुद्ध। इनमें से हर अवतार ने समय, स्थान और परिस्थिति के अनुसार धर्म की रक्षा के लिए लीलाएँ रचीं। परंतु श्रीकृष्ण को “पूर्णावतार” कहा गया है, क्योंकि … Read more

नंदी बैल का महत्व: क्यों हर शिव मंदिर के बाहर बैठा होता है नंदी?

भाग 1: प्रस्तावना – नंदी बैल का महत्व शिव मंदिर में नंदी की अनिवार्यता जब भी हम किसी शिव मंदिर में प्रवेश करते हैं, सबसे पहले हमारी नज़र एक शांत, स्थिर और गंभीर बैल पर पड़ती है – नंदी। शिवलिंग के ठीक सामने बैठा यह बैल मानो भक्तों के लिए एक मौन संदेश देता हो … Read more

“रिद्धि-सिद्धि कौन हैं? गणेश जी की पत्नियों का रहस्य और महत्व”

भाग 1: प्रस्तावना – रिद्धि-सिद्धि का अद्भुत परिचय रिद्धि-सिद्धि का संक्षिप्त परिचय हिंदू धर्म में जब भी भगवान गणेश का नाम लिया जाता है, उनके साथ “रिद्धि-सिद्धि” का नाम भी जुड़ा होता है। रिद्धि और सिद्धि कोई साधारण नाम नहीं, बल्कि ये भगवान गणेश की दो दिव्य शक्तियाँ और पत्नियाँ मानी जाती हैं। यह दोनों … Read more

रिद्धि-सिद्धि कौन हैं? गणेश जी की दिव्य शक्तियों का रहस्य

भूमिका: रिद्धि-सिद्धि का अद्भुत रहस्य भगवान गणेश – विघ्नहर्ता, बुद्धि और विवेक के देवता, जिन्हें संसार के हर शुभ कार्य से पहले स्मरण किया जाता है। गणेश जी का स्वरूप जितना सरल है, उतना ही गहरा उनका आध्यात्मिक संदेश। लेकिन क्या आप जानती हैं कि गणेश जी की दो दिव्य पत्नियाँ भी हैं – रिद्धि … Read more

भगवान गणेश को तुलसी क्यों नहीं अर्पित करते? तुलसी के वैज्ञानिक गुण और दूर्वा का महत्व

भूमिका हिंदू धर्म में प्रत्येक देवता की पूजा के लिए अलग-अलग नियम और सामग्रियाँ निर्धारित हैं। गणेश जी को मोदक, लाल फूल और दूर्वा अर्पित करना शुभ माना जाता है, जबकि तुलसी अर्पित करना वर्जित है। लेकिन तुलसी स्वयं में एक अत्यंत पवित्र और औषधीय पौधा है जिसे विष्णु प्रिय माना गया है। आखिर तुलसी … Read more

शुभ और लाभ: भगवान गणेश के पुत्र और उनका रहस्य

भूमिका भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। हर शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी के भी दो पुत्र हैं (भगवान गणेश के पुत्र) – शुभ और लाभ? इन दोनों का नाम ही जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता … Read more

नक्षत्र: ज्योतिष के 27 खगोलीय रहस्य और उनका प्रभाव

भूमिका: नक्षत्र क्या है? वेदिक ज्योतिष में नक्षत्र का अर्थ है – आकाश में स्थित तारामंडल या तारों का समूह। चंद्रमा लगभग 27 दिनों में पृथ्वी का चक्कर लगाता है और इस दौरान वह 27 अलग-अलग खगोलीय क्षेत्रों से होकर गुजरता है, जिन्हें नक्षत्र कहते हैं। जन्म के समय जिस नक्षत्र में चंद्रमा स्थित होता … Read more

“बच्चों को कौन-कौन से मंत्र सिखाने चाहिए? महत्व, अर्थ और सरल तरीके”

भूमिका: बच्चों को मंत्र क्यों सिखाना ज़रूरी है? आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में बच्चों के सामने कई तरह की चुनौतियाँ हैं – पढ़ाई का तनाव, स्क्रीन टाइम, भावनात्मक असंतुलन और मानसिक दबाव। ऐसे में अगर माता-पिता बच्चों को बचपन से ही संस्कार और आध्यात्मिक आदतें सिखाएं, तो उनका जीवन संतुलित और सकारात्मक बन सकता … Read more

सोलह श्रृंगार का वैज्ञानिक रहस्य: परंपरा, आध्यात्मिकता और आधुनिक विज्ञान

भूमिका: क्यों महत्वपूर्ण हैं सोलह श्रृंगार? भारतीय संस्कृति में सोलह श्रृंगार नारी सौंदर्य, वैवाहिक जीवन और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। ये श्रृंगार सिर्फ सजावट नहीं बल्कि शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का विज्ञान हैं। गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण जैसे ग्रंथों में इनका वर्णन मिलता है। ये श्रृंगार नारी के जीवन में शुभता, … Read more

श्रावण माह: परिचय

श्रावण माह (Sawan Mahina) की पूरी और गहन जानकारी दी गई है। यह जानकारी धार्मिक, पौराणिक, ज्योतिषीय, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से श्रावण माह को समझने के लिए पर्याप्त है। पौराणिक महत्व ज्योतिषीय महत्व श्रावण माह में प्रमुख पर्व एवं व्रत 1. श्रावण सोमवार व्रत 2. नाग पंचमी 3. हरियाली तीज 4. कजली तीज 5. … Read more