🌀 कथा: भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र कैसे प्राप्त हुआ?

इस प्रश्न का उत्तर शास्त्रों में विभिन्न रूपों में मिलता है। सबसे प्रसिद्ध और प्रामाणिक कथा विष्णु पुराण, देवी भागवत पुराण, और हरिवंश पुराण से जुड़ी है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

🕉️ 1. विश्वकर्मा की कथा (वेदों और पुराणों के अनुसार)

जब भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को पत्नी रूप में स्वीकार किया, तब वे स्वर्ण लोक अर्थात वैकुण्ठ में उनके साथ निवास करने लगे।
देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा ने एक बार तपस्या करके भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि:

हे प्रभु! मेरी पुत्री का विवाह सूर्य देव से हुआ है, लेकिन सूर्य का तेज इतना प्रबल है कि मेरी पुत्री उसके समीप नहीं रह पाती। कृपया सूर्य का तेज कम करें।

🌞 सूर्य का तेज कम करने की शर्त

भगवान विष्णु ने कहा, “मैं सूर्य का तेज तो कम कर सकता हूँ, लेकिन बदले में उस तेज से एक दिव्य अस्त्र बनवाऊँगा।
विश्वकर्मा ने सूर्य के तेज को शिल्पशास्त्र से काटकर उसे ठंडा किया और उस दिव्य ऊर्जा से तीन अद्भुत वस्तुएँ बनाईं:

  1. सुदर्शन चक्र – विष्णु के लिए
  2. त्रिशूल – शिव के लिए
  3. पुष्पक विमान – ब्रह्मा को प्रदान किया गया (बाद में रावण को मिला)

🌟 इस प्रकार, सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु को विश्वकर्मा ने प्रदान किया – ब्रह्मांड की रक्षा के लिए।


🔱 2. देवी शक्ति से प्राप्ति (देवी भागवत पुराण)

एक अन्य कथा के अनुसार:

जब असुरों का आतंक बहुत बढ़ गया, तब भगवान विष्णु ने आदि शक्ति की तपस्या की।
आदि शक्ति (या भगवती) ने प्रसन्न होकर उन्हें दिव्य अस्त्र सुदर्शन चक्र प्रदान किया। यह चक्र:

  • अग्नि और वायु तत्व से बना था
  • यह चक्र केवल धर्म की रक्षा के लिए प्रयोग किया जा सकता था
  • इसमें स्वतः लौट आने की शक्ति थी

📚 3. वेदों के अनुसार प्रतीकात्मक अर्थ:

  • सुदर्शन = ‘सु’ + ‘दर्शन’ = श्रेष्ठ दृष्टि
  • यह ज्ञान, विवेक और न्याय का प्रतीक है
  • यह चक्र दर्शाता है कि ईश्वर की दृष्टि चक्रवत है, अर्थात् वह हर दिशा में एक साथ देख सकते हैं

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सारांश:

प्रश्नउत्तर
किसने दिया?देव शिल्पी विश्वकर्मा ने
क्यों दिया?सूर्य के तेज से बना दिव्य अस्त्र, ब्रह्मांड की रक्षा के लिए
अन्य मान्यता?आदि शक्ति ने तप से प्रसन्न होकर दिया
क्या है इसका महत्व?धर्म रक्षक, असुर विनाशक, ज्ञान और चैतन्य का प्रतीक

🔚 निष्कर्ष:

सुदर्शन चक्र सिर्फ एक अस्त्र नहीं, बल्कि भगवान विष्णु का धर्म और सत्य के रक्षक रूप का प्रतिनिधित्व करता है। इसका प्रयोग केवल धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए होता है।

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🙏 जय श्री विष्णु! जय सुदर्शन!

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