🪔 यम द्वितीया 2025: क्यों मनाई जाती है और इसका धार्मिक महत्व

📅 यम द्वितीया 2025 की तिथि 🌼 यम द्वितीया क्या है? दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला यम द्वितीया या भाई दूज एक ऐसा पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र संबंध को समर्पित है।इस दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं, आरती उतारती हैं और उनके दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं।यह … Read more

अन्नकूट पर्व 2025: गोवर्धन पूजा का महत्व, कथा, पूजा विधि और परंपराएँ

🌼 परिचय: दीपावली के अगले दिन मनाया जाने वाला अन्नकूट पर्व या गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और लोकप्रिय त्योहार है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्रदेव के अभिमान को तोड़कर ब्रजवासियों की रक्षा करने की कथा का स्मरण किया जाता है। यह पर्व अन्न, प्रकृति और गोमाता के प्रति कृतज्ञता का … Read more

नरकासुर: कथा, वरदान, अत्याचार और वध की पूरी जानकारी

परिचय हिंदू धर्म में अनेक पौराणिक कथाएँ हमें अधर्म पर धर्म की विजय, अहंकार पर विनम्रता और सत्य के प्रति आस्था का संदेश देती हैं। ऐसी ही एक कथा है नरकासुर की कथा। नरकासुर, भूदेवी के पुत्र और एक शक्तिशाली दानव राजा, जिन्होंने वरदान पाकर अत्याचार करना शुरू कर दिया। उनकी कहानी केवल मनोरंजक नहीं … Read more

माँ महागौरी – नवरात्रि की अष्टमी की देवी | स्वरूप, कथा, पूजा विधि, मंत्र और महत्व

परिचय नवरात्रि का आठवाँ दिन समर्पित है माँ महागौरी को। यह स्वरूप देवी के सौंदर्य, शांति, पवित्रता और मोक्षदायिनी शक्ति का प्रतीक है। “महागौरी” नाम दो शब्दों से मिलकर बना है — ‘महान’ + ‘गौरी (अत्यंत श्वेत रूप वाली)’। इनका वर्ण बर्फ, चाँद और कुमुदिनी की तरह उज्ज्वल है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति … Read more

माँ सिद्धिदात्री – नवरात्रि की नवमी की देवी | स्वरूप, कथा, पूजा विधि, मंत्र और महत्व

परिचय नवरात्रि का नौवाँ दिन समर्पित है माँ सिद्धिदात्री को। वे देवी दुर्गा का अंतिम और सबसे पूर्ण स्वरूप मानी जाती हैं। नाम के अनुसार: अर्थात जो अपने भक्तों को सभी सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। वे न केवल भौतिक सफलता देती हैं बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की भी दात्री हैं। स्वरूप पौराणिक कथा शिव … Read more

माँ कालरात्रि – नवरात्रि की सप्तमी की अधिष्ठात्री देवी | स्वरूप, कथा, पूजा विधि, मंत्र और महत्व

⭐ परिचय नवरात्रि का सातवां दिन समर्पित है माँ कालरात्रि को, जिन्हें विश्व की सबसे प्रचंड और शक्तिशाली देवी माना जाता है। उनका नाम ही बताता है— अर्थात जो स्वयं मृत्यु और अंधकार का नाश कर दे — वही हैं कालरात्रि। यह देवी स्वरूप जितना भयंकर दिखता है, उतना ही कल्याणकारी और संरक्षक भी है।पुराणों … Read more

🌸 माँ कात्यायनी: नवरात्रि की छठी देवी 🌸

1. माँ कात्यायनी का परिचय नवरात्रि के छठे दिन की अधिष्ठात्री देवी हैं माँ कात्यायनी। इनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है।माँ कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है, जो धर्म की रक्षा हेतु दुष्टों का संहार करती हैं। इन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है, क्योंकि इन्होंने महिषासुर राक्षस का वध किया था। … Read more

🌸 माँ स्कंदमाता: नवरात्रि की पाँचवीं देवी का स्वरूप, कथा और पूजा महत्व 🌸

1. माँ स्कंदमाता का परिचय नवरात्रि के पाँचवे दिन की अधिष्ठात्री देवी माँ स्कंदमाता हैं। स्कंदमाता का अर्थ है – भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता। वे देवी दुर्गा का स्वरूप हैं और अपने पुत्र कार्तिकेय को गोद में लेकर सिंह पर सवार रहती हैं। इस कारण उनका नाम “स्कंदमाता” पड़ा।माँ स्कंदमाता करुणा, ममता, त्याग और … Read more

🌸 माँ कूष्मांडा: नवरात्रि की चौथी शक्ति – ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री

✨ परिचय नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्मांडा को समर्पित है। देवी दुर्गा का यह रूप सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़ा हुआ है। “कूष्मांडा” शब्द का अर्थ है – कु (थोड़ा), उष्मा (ऊर्जा/प्रकाश) और अंड (ब्रह्मांड/अंडाकार संरचना)।अर्थात् – थोड़ी सी मुस्कान से ही जिनसे पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई, वही हैं माँ कूष्मांडा। इन्हें अष्टभुजा … Read more

🌸 माँ चंद्रघंटा: नवरात्रि की तीसरी शक्ति – शांति, साहस और सौभाग्य की अधिष्ठात्री

✨ परिचय नवरात्रि के तीसरे दिन जिस देवी की पूजा की जाती है, वे हैं माँ चंद्रघंटा। देवी दुर्गा का यह तीसरा रूप अत्यंत ही करुणामयी और दिव्य स्वरूप वाला है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की स्वर्णिम घंटा सुशोभित है, जिसके कारण इन्हें “चंद्रघंटा” कहा जाता है। माँ चंद्रघंटा की उपासना से साधक … Read more