कैलाश पर्वत: जहाँ विज्ञान भी हार मान गया!

प्रस्तावना: कैलाश पर्वत – रहस्यों का अनोखा संसार भाग 1: कैलाश पर्वत का भौगोलिक परिचय भाग 2: हिंदू धर्म में कैलाश का महत्व भाग 3: बौद्ध, जैन और बोन धर्म में महत्व भाग 4: कैलाश पर्वत पर चढ़ाई क्यों नहीं हो पाती? भाग 5: कैलाश का पिरामिड आकार और ऊर्जा रहस्य भाग 6: मानसरोवर और … Read more

जन्माष्टमी: क्यों मनाते हैं और रात में ही क्यों जन्मोत्सव?

1. प्रस्तावना भारत की सांस्कृतिक धरोहर में ऐसे कई पर्व हैं, जो केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन्हीं में से एक है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को भगवान … Read more

मथुरा और वृंदावन के 10 रहस्य जो हर भक्त को जानने चाहिए

प्रस्तावना: मथुरा-वृंदावन – कृष्ण की अनंत लीला भूमि मथुरा और वृंदावन – यह केवल दो शहर नहीं हैं, बल्कि भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा के ऐसे केंद्र हैं जहाँ हर कण श्रीकृष्ण के नाम से स्पंदित होता है। यह वही भूमि है जहाँ द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया, लीलाएँ कीं और गोपियों … Read more

क्यों शिव को भोलेनाथ कहा जाता है? रहस्यमय कथाएँ और पुराणिक प्रमाण

भूमिका (Introduction) हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को “भोलेनाथ” कहकर पुकारा जाता है। यह नाम अपने आप में गहन अर्थ समेटे हुए है। ‘भोले’ का मतलब है सरल, निष्कपट और तुरंत प्रसन्न होने वाले, जबकि ‘नाथ’ का अर्थ है स्वामी या पालनकर्ता। शिवजी की यह विशेषता उन्हें अन्य सभी … Read more

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: समय के स्वामी का अद्भुत चमत्कार

भाग 1: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – समय के स्वामी का अद्भुत चमत्कार 1. प्रस्तावना – महाकाल की नगरी उज्जैन भारत की आध्यात्मिक भूमि में कई पवित्र धाम हैं, परंतु उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग सबसे अद्वितीय है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि समय और मृत्यु के भी स्वामी शिव का वह स्थल है जहाँ आकर भक्त … Read more

हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप का रहस्य: पाँच मुखों का आध्यात्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व

भाग 1: प्रस्तावना और पंचमुखी हनुमान का परिचय 1. प्रस्तावना: क्यों हनुमान जी का पंचमुखी स्वरूप इतना विशेष है? भारत की भक्ति परंपरा में हनुमान जी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वे शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का एक विशेष स्वरूप … Read more

श्रीकृष्ण के 16 कलाओं का रहस्य और महत्व

प्रस्तावना: क्यों श्रीकृष्ण को पूर्णावतार कहा गया? सनातन धर्म में भगवान विष्णु के कई अवतार माने जाते हैं – मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण और बुद्ध। इनमें से हर अवतार ने समय, स्थान और परिस्थिति के अनुसार धर्म की रक्षा के लिए लीलाएँ रचीं। परंतु श्रीकृष्ण को “पूर्णावतार” कहा गया है, क्योंकि … Read more

नंदी बैल का महत्व: क्यों हर शिव मंदिर के बाहर बैठा होता है नंदी?

भाग 1: प्रस्तावना – नंदी बैल का महत्व शिव मंदिर में नंदी की अनिवार्यता जब भी हम किसी शिव मंदिर में प्रवेश करते हैं, सबसे पहले हमारी नज़र एक शांत, स्थिर और गंभीर बैल पर पड़ती है – नंदी। शिवलिंग के ठीक सामने बैठा यह बैल मानो भक्तों के लिए एक मौन संदेश देता हो … Read more

“रिद्धि-सिद्धि कौन हैं? गणेश जी की पत्नियों का रहस्य और महत्व”

भाग 1: प्रस्तावना – रिद्धि-सिद्धि का अद्भुत परिचय रिद्धि-सिद्धि का संक्षिप्त परिचय हिंदू धर्म में जब भी भगवान गणेश का नाम लिया जाता है, उनके साथ “रिद्धि-सिद्धि” का नाम भी जुड़ा होता है। रिद्धि और सिद्धि कोई साधारण नाम नहीं, बल्कि ये भगवान गणेश की दो दिव्य शक्तियाँ और पत्नियाँ मानी जाती हैं। यह दोनों … Read more

रिद्धि-सिद्धि कौन हैं? गणेश जी की दिव्य शक्तियों का रहस्य

भूमिका: रिद्धि-सिद्धि का अद्भुत रहस्य भगवान गणेश – विघ्नहर्ता, बुद्धि और विवेक के देवता, जिन्हें संसार के हर शुभ कार्य से पहले स्मरण किया जाता है। गणेश जी का स्वरूप जितना सरल है, उतना ही गहरा उनका आध्यात्मिक संदेश। लेकिन क्या आप जानती हैं कि गणेश जी की दो दिव्य पत्नियाँ भी हैं – रिद्धि … Read more