धनतेरस 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि, कथा और शुभ खरीदारी

धनतेरस दीपावली की शुरुआत का पहला दिन होता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ वस्तु खरीदी जाती है, वह घर में सुख-समृद्धि बढ़ाती है। 2025 में धनतेरस का पर्व विशेष संयोग लेकर आ रहा है।


✅ धनतेरस 2025 कब है? (तिथि और मुहूर्त)

  • तारीख: 18 अक्टूबर 2025
  • धनतेरस 2025 **18 अक्टूबर, शनिवार** को मनाया जाएगा।
  • शुभ मुहूर्त: **सांयकाल 5:04 PM से 6:35 PM*
  • *।इस दिन सोना, चांदी और नए बर्तन खरीदना शुभ** माना जाता है।पूजा में **धन्वंतरि, लक्ष्मी और कुबेर की आराधना** की जाती है।

✅ धनतेरस का महत्व

  • यह दिन धन-संग्रह और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों के लिए शुभ माना जाता है।
  • इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
  • मान्यता है कि इस दिन नया बर्तन, सोना, चाँदी, झाड़ू या धातु खरीदने से धन में कई गुना वृद्धि होती है।
  • इस दिन यमराज के नाम का दीपक जलाकर रोग-मुक्ति और अकालमृत्यु से रक्षा की कामना की जाती है।

✅ धनतेरस पूजा विधि (घर पर सरल तरीका)

  1. शाम के समय घर के मुख्य द्वार को साफ करके रंगोली बनाएं।
  2. दो दीपक जलाएं – एक भगवान धन्वंतरि के लिए और एक यमराज के लिए।
  3. कुंकुम, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप से माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें।
  4. “ॐ धन्वंतरये नमः” और “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 11 बार जाप करें।
  5. पूजा के बाद नव-खरीदे बर्तन या धातु को पूजा स्थान पर रखें और प्रसाद चढ़ाएं।

✅ क्या खरीदना शुभ माना जाता है?

वस्तुलाभ / मान्यता
सोना-चांदीलक्ष्मी का आगमन
धनिया / धातु के सिक्केधनवृद्धि का प्रतीक
झाड़ूदरिद्रता का नाश
बर्तन (तांबा, पीतल, स्टील)स्वास्थ्य और समृद्धि
झाड़ू और झाड़ननकारात्मक ऊर्जा का नाश

⚠️ ध्यान रखें: काला कपड़ा, तेल, टूटा हुआ सामान, कांच या लोहे की वस्तु इस दिन नहीं खरीदनी चाहिए।


✅ पौराणिक कथा – धनतेरस क्यों मनाया जाता है?

🌟 पौराणिक कथा – धनतेरस की कहानी

बहुत समय पहले राजा हिमा के यहाँ एक पुत्र हुआ। जब उसका जन्म हुआ, तो ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि उसकी शादी के चौथे दिन ही साँप काटने से उसकी मृत्यु हो जाएगी।

जब वह राजकुमार बड़ा हुआ और उसका विवाह हुआ, तो विवाह के चौथे दिन उसकी पत्नी को यह भविष्यवाणी याद आई। वह बहुत बुद्धिमान थी।

उसने एक उपाय सोचा –

  • उसने अपने पति को सोने-चांदी के गहनों और चमचमाते बर्तनों से सजे कमरे में बैठाकर कहानियाँ सुनानी शुरू कर दीं।
  • उसने दरवाजे पर दीपक जला दिए और बहुत सारे आभूषण व चाँदी के सिक्कों को ढेर लगाकर रख दिया।
  • रात के समय जब यमराज साँप का रूप लेकर उसके पति को डसने आए, तो उनकी आँखें सोने-चांदी की चमक से चकाचौंध हो गईं।
  • वे कमरे में प्रवेश ही नहीं कर सके और सामान पर बैठकर पूरी रात वहीँ बैठे रहे, और सुबह होते ही लौट गए।

इस प्रकार राजकुमार की जान बच गई।

तब से यह परंपरा बन गई कि इस दिन सोना-चांदी या बर्तन खरीदकर घर में रखा जाए ताकि यमराज भी घर में प्रवेश न करें और समृद्धि घर में बनी रहे।


🪔 दूसरा मान्य कारण – धन्वंतरि जन्म दिवस

धनतेरस के दिन भविष्य के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।

इसलिए इसे आयुर्वेद दिवस भी कहते हैं और स्वास्थ्य की कामना के लिए धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है।

✅ स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि का जन्म दिन

धनतेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं। समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन च्यवनप्राश, त्रिफला, तुलसी या कोई आयुर्वेदिक वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है।


✅ धन प्राप्ति के अचूक उपाय

  • रात में घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाएं – धन की वृद्धि होती है।
  • गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं – रोग और कर्ज दूर होते हैं।
  • कुबेर मंत्र “ॐ कुबेराय नमः” का 21 बार जाप करें – धन का स्थायी स्रोत बनता है।

✅ स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि का जन्म दिन

धनतेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं। समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन च्यवनप्राश, त्रिफला, तुलसी या कोई आयुर्वेदिक वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है।


✅ धन प्राप्ति के अचूक उपाय

  • रात में घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाएं – धन की वृद्धि होती है।
  • गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं – रोग और कर्ज दूर होते हैं।
  • कुबेर मंत्र “ॐ कुबेराय नमः” का 21 बार जाप करें – धन का स्थायी स्रोत बनता है।

✅ निष्कर्ष

धनतेरस केवल खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि धन, स्वास्थ्य और दीर्घायु का पर्व है। इस दिन सही पूजा और सही खरीददारी करने से साल भर सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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