25 अक्टूबर 2025 की चतुर्थी व्रत: शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, कथा और आध्यात्मिक महत्व

🌙 प्रस्तावना

भारत में हर महीने आने वाली चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन भगवान गणेश और माता गौरी के पूजन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
25 अक्टूबर 2025, शनिवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी है। इसे कई स्थानों पर वरद चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहा जाता है।
इस दिन भक्तजन गणेश जी का व्रत रखते हैं, विधिवत पूजा करते हैं और अपने जीवन में समृद्धि, बुद्धि और संकट-निवारण की कामना करते हैं।


🌅 पंचांग विवरण (25 अक्टूबर 2025)

तत्वविवरण
तिथिशुक्ल पक्ष चतुर्थी
आरंभ25 अक्टूबर 2025, प्रातः 01:19 AM
समाप्ति26 अक्टूबर 2025, 03:48 AM
वारशनिवार
नक्षत्रअनुराधा (07:51 AM तक), उसके बाद ज्येष्ठा
योगशुभ योग
करणगर, वणिज
चंद्रमा की स्थितिवृश्चिक राशि में
सूर्य राशितुला

🕰️ शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:48 AM से 12:33 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:56 AM से 05:44 AM
  • गणेश पूजा के लिए उत्तम समय: प्रातः सूर्योदय से लेकर मध्यान्ह तक

🚫 अशुभ समय

  • राहुकाल: 9:21 AM से 10:46 AM
  • यमगंड काल: 1:35 PM से 3:00 PM
  • कुलिक काल: 6:32 AM से 7:57 AM
    इन कालों में कोई भी नया कार्य या शुभ शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

🙏 चतुर्थी व्रत का महत्व

चतुर्थी व्रत भगवान गणेश की आराधना का प्रतीक है।
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

— इस मंत्र का जाप इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है। अतः इस दिन व्रत रखने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और कार्य सिद्धि का मार्ग खुलता है।


🌼 पूजा सामग्री

  1. गणेश जी की प्रतिमा या चित्र
  2. लाल या पीले फूल
  3. दूर्वा (तीन पत्तों वाली घास)
  4. मोदक या लड्डू
  5. दीपक, धूप, अगरबत्ती
  6. फल, जल, अक्षत, रोली, सिंदूर
  7. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)

🔱 पूजा-विधि (Step-by-Step)

  1. प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. घर के पूजा स्थान को स्वच्छ कर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
  3. दीपक जलाएं और गणेश जी को दूर्वा, लाल फूल और मोदक अर्पित करें।
  4. गणपति अथर्वशीर्ष या गणेश चालीसा का पाठ करें।
  5. गणेश मंत्र का 108 बार जप करें।
  6. व्रतधारी दिनभर फलाहार करें और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करें।

📖 व्रत कथा (पौराणिक कथा)

एक बार देवी पार्वती स्नान कर रही थीं। उन्होंने मिट्टी से एक बालक बनाया और उसे दरवाजे पर पहरा देने को कहा।
उसी समय भगवान शिव आए, पर बालक ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। क्रोधित होकर शिव ने उसका सिर काट दिया।
जब पार्वती को यह पता चला, तो वे अत्यंत दुखी हुईं।
तब भगवान शिव ने गण का सिर लाकर बालक के शरीर पर जोड़ दिया — और इस प्रकार गणेश जी का जन्म हुआ।
उस दिन चतुर्थी तिथि थी, इसलिए यह दिन “गणेश चतुर्थी” के रूप में पूजित हुआ।


💫 वरद चतुर्थी का अर्थ

“वरद” का अर्थ है — वर देने वाला
इस दिन गणेश जी अपने भक्तों को ज्ञान, सफलता और मनोकामना की सिद्धि का वरदान देते हैं।
इसलिए इसे वरद चतुर्थी कहा गया है।


🔬 वैज्ञानिक दृष्टिकोण

चतुर्थी व्रत का वैज्ञानिक आधार भी है।

  • उपवास से शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन होता है।
  • सूर्योदय से दोपहर तक पूजा करने से विटामिन D का संतुलन बढ़ता है।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक शांति मिलती है, क्योंकि जल की तरंगें मन को स्थिर करती हैं।
  • दूर्वा घास का उपयोग एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण शुद्धिकरण में सहायक है।

🌻 इस दिन क्या करें और क्या न करें

करें

✔ गणेश जी की आरती और गणपति मंत्र जप
✔ माता-पिता का आशीर्वाद
✔ जरूरतमंदों को दान

न करें

❌ कटु वचन बोलना
❌ मांस-मदिरा सेवन
❌ किसी का अपमान


💬 चतुर्थी व्रत का फल

इस व्रत को करने से —

  • विघ्न नाश होता है
  • व्यापार और करियर में सफलता मिलती है
  • पारिवारिक कलह समाप्त होती है
  • मन को स्थिरता और बुद्धि की वृद्धि होती है

🌕 चंद्रदर्शन विधि

रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देते समय यह मंत्र बोलें —
ओम् सोमाय नमः।
फिर गणेश जी को मोदक अर्पित करें और व्रत खोलें।


🪔 निष्कर्ष

25 अक्टूबर 2025 की कार्तिक शुक्ल चतुर्थी न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी अत्यंत लाभकारी है।
इस दिन भगवान गणेश की उपासना से जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
व्रत, पूजा और चंद्र अर्घ्य विधि को सच्चे मन से करने पर गणेश जी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।

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