सभी विनायक व संकष्टी चतुर्थी तिथियाँ: व्रत विधि, कथा और लाभ

भाग 1: प्रारंभिक भूमिका – चतुर्थी का महत्व “वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥” हिंदू संस्कृति में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता कहा गया है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति वंदना से होती है। ऐसे में गणेश जी की आराधना का सबसे पवित्र दिन माना जाता है – … Read more

प्रदोष काल: शिव भक्तों के लिए अद्भुत संध्या का रहस्य और महत्व

1. प्रस्तावना (Introduction) हिंदू धर्म में हर समय, हर तिथि और हर क्षण का अपना एक आध्यात्मिक महत्व है। ठीक उसी तरह, सूर्यास्त से कुछ समय पहले और उसके बाद का समय – जिसे प्रदोष काल कहा जाता है – विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह वही … Read more

सप्ताह में सात दिन ही क्यों होते हैं?

(धार्मिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक दृष्टि से विश्लेषण) प्रस्तावना क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे कैलेंडर में सप्ताह के केवल सात दिन ही क्यों होते हैं?क्यों न आठ, नौ या दस दिन?यह सवाल बचपन से ही दिमाग में घूमता रहा होगा लेकिन जवाब शायद ही किसी ने गहराई से खोजा हो। इस ब्लॉग में हम … Read more

अमावस्या व पोर्णिमा की एकादशी: कब आती है, क्यों होती है खास और कैसे करें पूजा?

एकादशी व्रत: महत्व, कथा, पूजा विधि और 24 एकादशियों का पूर्ण विवरण भूमिका: एकादशी व्रत क्यों है इतना विशेष? हिंदू धर्म में हर माह आने वाली एकादशी तिथि को अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और … Read more

“गायत्री मंत्र की आवृत्ति और ब्रह्मांड का संबंध

गायत्री मंत्र और ब्रह्मांड के बीच का संबंध अत्यंत गहरा और अद्भुत माना जाता है। वैदिक ग्रंथों, आधुनिक विज्ञान और ध्वनि-तरंग सिद्धांतों के अनुसार गायत्री मंत्र की आवृत्ति (Frequency) न केवल मानव मस्तिष्क पर बल्कि पूरे ब्रह्मांडीय ऊर्जा-तंत्र पर भी प्रभाव डालती है। नीचे इसे विस्तार से समझते हैं: 1. गायत्री मंत्र का स्वरूप गायत्री … Read more

पुत्रदा एकादशी: संतान सुख देने वाली पावन तिथि का महत्व, कथा और व्रत-विधि

1. प्रस्तावना: पुत्रदा एकादशी का आध्यात्मिक महत्व सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष स्थान है। माना जाता है कि वर्ष भर में आने वाली 24 एकादशियों में से प्रत्येक का अपना अनूठा महत्व है, परंतु पुत्रदा एकादशी ऐसी एकादशी है जो विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति और संतान के कल्याण के लिए … Read more

“कृष्ण-सुदामा और श्रापित चने की अनसुनी कथा – त्याग, भक्ति और सच्ची मित्रता का अद्भुत उदाहरण”

भूमिका भारतीय संस्कृति में मित्रता को पवित्र रिश्ता माना गया है। महाभारत और पुराणों में ऐसी कई कथाएँ हैं जो मित्रता की सच्चाई और भक्ति की महिमा को दर्शाती हैं। कृष्ण-सुदामा की कथा उनमें सबसे हृदयस्पर्शी और अमर मानी जाती है।लेकिन इस कथा का एक पहलू ऐसा भी है, जो कम लोगों को पता है … Read more

महाराष्ट्र का दही-हांडी उत्सव: इतिहास, महत्व, परंपरा और आधुनिक दृष्टिकोण

परिचय भारत विविधताओं का देश है, जहाँ हर राज्य की अपनी अनूठी परंपराएँ, त्यौहार और सांस्कृतिक विशेषताएँ हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो यहाँ का सबसे प्रसिद्ध और रोमांचकारी उत्सवों में से एक है दही-हांडी। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामूहिकता, साहस और टीम वर्क का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता … Read more

कांवड़ यात्रा: भगवान शिव के भक्तों की आस्था, इतिहास, कथा और वैज्ञानिक रहस्य

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) एक बेहद पवित्र और भव्य हिंदू धार्मिक यात्रा है जो मुख्य रूप से भगवान शिव के भक्तों द्वारा श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में की जाती है। इसमें श्रद्धालु, जिन्हें कांवड़िया कहा जाता है, गंगा नदी से जल लेकर आते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा उत्तर भारत के कई … Read more

जन्माष्टमी में मटकी फोड़ने की परंपरा कहाँ से आई?

(इतिहास, पौराणिक कथा और सांस्कृतिक महत्व) प्रस्तावना जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व, पूरे भारत में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में झांकियाँ सजती हैं, भजन-कीर्तन होते हैं और विशेष रूप से माखन-चोरी व मटकी फोड़ने की परंपरा ( मटकी फोड़ ) पूरे उत्सव का मुख्य आकर्षण बन जाती … Read more