जय आद्या शक्ति आरती

जय आद्या शक्ति आरती जय आद्या शक्ति,माँ जय आद्या शक्ति,अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्यांपडवे प्रगटतया माँॐ जयो जयो माँ जगदम्बे.. द्वितीय मेहस्वरूप, शिवशक्ति जाणुं,माँ शिवशक्ति जाणुं,ब्रह्मा गणपती गावोहरे गावो हर माँॐ जयो जयो माँ जगदम्बे.. तृतीया त्रण सरूप त्रिभुवनमां बेठा,माँ त्रिभुवनमां बेठा,दय थकी तरवेणीतमे तरवेणी माँॐ जयो जयो माँ जगदम्बे.. चोथे चतुरा महालक्ष्मी माँ सचराचरव्याप्या,माँ सचराचरव्याप्या,चार भुजा … Read more

🌸 माँ ब्रह्मचारिणी: नवरात्रि की दूसरी देवी की कथा, स्वरूप, पूजा विधि और महत्व

प्रस्तावना नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का महान अवसर है। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक देवी का स्वरूप एक विशेष शक्ति, गुण और जीवन-दर्शन का संदेश देता है।नवरात्रि के दूसरे दिन पूजित देवी हैं – माँ ब्रह्मचारिणी। उनका स्वरूप अत्यंत सरल, शांत और तपस्विनी … Read more

🌼 माँ शैलपुत्री: नवरात्रि की प्रथम देवी का महत्व, कथा, स्वरूप और पूजा विधि 🌼

✨ भूमिका नवरात्रि भारत का सबसे बड़ा और लोकप्रिय उत्सव है, जिसमें नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि की शुरुआत माँ शैलपुत्री की पूजा से होती है। ये माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं, जिन्हें “पर्वतराज हिमालय की पुत्री” कहा जाता है। माँ शैलपुत्री की पूजा को … Read more

महालया अमावस्या 2025: महत्व, कथा, पूजा विधि और नवरात्रि से संबंध

1. परिचय (Introduction) हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथियाँ विशेष महत्व रखती हैं। लेकिन महालया अमावस्या एक ऐसी अमावस्या है जो न केवल पितरों की शांति के लिए मानी जाती है, बल्कि यह नवरात्रि की शुरुआत का द्वार भी है। यह दिन पूरे भारत में पितृ तर्पण और श्राद्ध के लिए जाना जाता है।माना जाता … Read more

इंदिरा एकादशी 2025: पितृदोष निवारण और मोक्ष का अद्भुत अवसर

आज की तिथि: 17 सितंबर 2025पक्ष: कृष्ण पक्षमास: आश्विनवार: बुधवार इंदिरा एकादशी, जिसे पितृ एकादशी भी कहा जाता है, वह दिन है जब भक्त भगवान विष्णु की उपासना और व्रत करके अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना करते हैं। इस दिन किए गए धार्मिक कर्म और तर्पण से पितृदोष समाप्त होता … Read more

पितृ: महत्व, रहस्य, पितृपक्ष, श्राद्ध, तर्पण और पितृ दोष निवारण

भूमिका भारतीय संस्कृति में पितृ (पूर्वज/ancestors) को देवताओं के समान स्थान दिया गया है। वे हमारे अस्तित्व की नींव हैं, जिनके बिना न तो हमारा जन्म संभव है और न ही हमारा जीवन। शास्त्रों में कहा गया है—“पितृ देवो भव” अर्थात् पितरों को देवता समान मानो। हर वर्ष पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण करके हम … Read more

गणपति का टूटा हुआ दाँत: “एकदंत” का रहस्य, पौराणिक कथाएँ और दार्शनिक संदेश

प्रस्तावना भगवान गणेश भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा के सबसे प्रिय देवता हैं। हर शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है। वे विघ्नहर्ता, संकटनाशक, बुद्धिदाता और सुखकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। गणेश जी के स्वरूप का हर हिस्सा कोई न कोई गहरा संदेश देता है। लेकिन सबसे रहस्यमय है … Read more

ब्रह्मास्त्र : सृष्टि का सबसे शक्तिशाली अस्त्र – रहस्य, इतिहास और प्रयोग

प्रस्तावना हिंदू धर्म के महाकाव्यों और पुराणों में वर्णित ब्रह्मास्त्र केवल एक अस्त्र नहीं, बल्कि स्वयं ब्रह्मा की दिव्य शक्ति का प्रतीक है। इसे ऐसा अस्त्र कहा गया है जिसे केवल वही प्राप्त कर सकता था जो अत्यंत तपस्वी, संयमी और मंत्र-सिद्ध हो। ब्रह्मास्त्र के सामने कोई अस्त्र टिक नहीं सकता था और इसका प्रयोग … Read more

द्वारका नगरी का जलमग्न रहस्य – समुद्र के भीतर का कृष्ण लोक

भारत की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है द्वारका नगरी, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने बसाया था। यह नगरी केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं बल्कि आस्था, विज्ञान और रहस्य का अद्भुत संगम है। पुराणों और महाभारत के अनुसार, जब श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर अपनी लीलाओं को पूर्ण किया तो समुद्र ने इस दिव्य नगरी को अपने … Read more

ऋषि वेदव्यास : महाभारत और वेद विभाजन के अमर ऋषि

प्रस्तावना भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में अनेकों ऋषि-मुनियों ने ज्ञान और धर्म की रक्षा में अपना योगदान दिया है, लेकिन उनमें से महर्षि वेदव्यास का स्थान सबसे ऊँचा माना जाता है। उन्हें कृष्ण द्वैपायन व्यास और व्यासदेव भी कहा जाता है। उन्होंने ही वेदों का विभाजन किया, महाभारत जैसी अमर रचना की और 18 … Read more